मेरा जवाब होता है, मैं किराये का टट्टू था, मुझे जो करने के लिए कहा गया, मैंने किया और अधिकतर अपनी इच्छा के खिलाफ ” (पृ.
3.
बेटी की सहेली को जिसने, समझा बाज़ारू माल| उस पापी का नाम है यारों, ज़ालिम तेजपाल|| किराये का टट्टू कांग्रेस का, करता था सबकी जासूसी| उसकी हरकत हुई उजागर खुल गया सेक्स का मायाजाल|| ऐसे दरिंदे को सब मिलकर, चौराहे पे मारो जूते|चेहरा अपना दिखा ना पाये, इसका ऐसा कर दो हाल||
4.
संगठित मजदूर वर्ग अगर अपनी ट्रेड यूनियन को एक स्कूल और हथियार के रूप में इस्तेमाल करे, संघर्ष एवं रचना के सिद्धांत पर आधारित अपने कार्यक्रम को आगे बढ़ाये, तभी छत्तीसगढ़ का मजदूर राज्य के विकास के साथ अपना संबंध बना सकेगा, स्वार्थी पूंजीपति वर्ग के किराये का टट्टू बन कर नहीं नाचेगा, हर क्षेत्र में मजदूरों का दबदबा बन सकेगा।
5.
मेरा जवाब होता है, मैं किराये का टट्टू था, मुझे जो करने के लिए कहा गया, मैंने किया और अधिकतर मेरी इच्छा के खिलाफ'(पेज 139) हिन्दुओं के विवाह प्रथा में व्याप्त गैरबराबरी के खिलाफ हिन्दू कोड बिल बनाने की उनकी योजना को जब पलीता लगा, तो उसके आधार पर कानून मंत्री के पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर हुए डा अम्बेडकर इस बात के प्रति भी सचेत थे कि संविधान के बनने से उनके अपने लोगों की स्थिति में कोई सुधार आया है: